Tuesday 13 March 2012

क्या हमारा इतना पतन हो चूका

क्या हमारा इतना पतन हो चूका कि हम पाश्चात्य संस्कृति के अनुसरण की अंधी दोड [वेलंटाइन डे , फ्रेंडशिप डे .............कई ] में अपने आप को भूले जा रहे हैं ? क्या आप यह सहन करेंगे कि किसी विशिष्ट कारण से परिवार या वंश का नामो निशान मिट जाये ? हम पश्चिम की अच्छी बातों का अनुसरण करें जो हमारी अस्मिता को समाप्त करे उसका नहीं . हम हमारी जन्मकुंडली , मुहूर्त , मांगलिक प्रसंग पर हिंदू कैलेंडर का प्रयोग करते हैं तो इसका सम्मान क्यों नहीं करते ? हमारा कैलेंडर शुद्ध वैज्ञानिक गणना पर आधारित है
स्मरण रहे हमारा नववर्ष इस माह यानि 23 मार्च से आरम्भ होगा हम इस दिन अधिकाधिक बधाई , शुभकामना सन्देश अपने मित्रों , सम्बन्धियों , परिचितों को प्रेषित करें . और आग्रह इस सन्देश को अधिकाधिक शेयर करें .............................निवेदन हेमेन्द्र




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