एक देशभक्त की रोमांचक गाथा- जिन्होंने आजाद भारत में भी जेल काटी १९४७ का भारत आज का भारत नहीं था अपितु विदेशी अंग्रेजों की गुलामी के तले भारत के वासी बंधुत्व का जीवन जीने को मजबूर थे. सामान्य लोगों में तो जन आक्रोश था ही फौज के साधारण सैनिकों में भी असंतोष धीरे धीरे पनप [...]
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